🔸मेरठ मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में पहली बार हुई डायग्नोस्टिक विधि कंधे के फटे (टियर) लिगामेंट की सफल सर्जरी🔸
➡️ मेडिकल कोचिंग के मीडिया प्रभारी डीए वी डी पांडे ने बताया कि खेल के दौरान बार-बार कंधा ड्रॉप के कारण मोदीपुरम रेजिडेंट 18 वर्षीय महिला कुश्ती खिलाड़ी के दाहिने कंधे का लिगामेंट फैट हो गया था। दो साल से परेशान मरीज़ ने नेशनल मेडिकल कॉलेज के फ़ाइन एवं स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. कृतेश मिश्रा से सलाह ली जिसके बाद गुरुवार सुबह मेडिकल कॉलेज में पहली बार डॉ. मिश्रा एवम उनकी टीम द्वारा मरीज के सीधे कंधे की सर्जरी की गई।
डॉ. कृतेश मिश्रा ने कहा कि खिलाड़ियों में, पहलवानों में, कुश्तीबाजों में और टेनिस खिलाड़ियों में कंधे की स्पोर्ट्स इंजरी आम है। बार-बार कंधे का उतरा हुआ जॉइंट जोड़ का उदाहरण दिया गया है। प्रारूप में आम तौर पर कंधे की हड्डी या लिगामेंट के रेचक की दुर्लभता होती है जिसे डॉक्टरी भाषा में "बैंकर्ट टियर" कहा जाता है। इसकी पुष्टिकरण तकनीक सर्जरी से पूर्व कंधे की एम. आर. आई. की जाती है. आर्थ्रोस्कोपिक (डोरबीन द्वारा) "बैंकर्ट रिपेयर" सर्जरी में एंकर नामक टांके के माध्यम से फेट लिगामेंट की रिकवरी की जाती है। डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि इंग्लैंड के फेलोशिप के दौरान बच्चों से लेकर खिलाड़ियों तक होने वाले कई सारे स्पोर्ट्स इंजरी के कॉम्प्लेक्स सर्जरी का प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिला। अब नागालैंड के खिलाड़ियों का इलाज दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी और काफी नशे में धुत मेडिकल कॉलेज में स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज संभव है।
डॉक्टर डॉ. आर सी एवं गुप्ता हड्डी रोग विभाग प्रमुख डॉ. ज्ञानेश्वर टोंक ने डॉ. मिश्रा और उनकी टीम को बधाई दी। ऑपरेशन टीम में डॉ. शिवम, डॉ. डॉक्टर एवं एनेस्थेसिया विभाग से डॉ. योगेश माणिक एवं डॉ. प्रमोद चंद शामिल रहे।
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