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सोमवार, 4 जनवरी 2021

श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ में बही गीता ज्ञान की गंगा


 मेरठ : विश्व हिंदू परिषद और विश्व गीता संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर, डी ब्लाक शास्त्रीनगर में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ में ज्ञान की गंगा बही। श्रीमद्भगवद्गीता के सभी 18 अध्यायों का सस्वर पारायण हुआ तो श्रद्धालु भक्ति भाव से झूम उठे। महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी महाराज (जीवन दीप आश्रम रुड़की) ने गीता को संसार का सबसे दुर्लभ ग्रंथ बताते हुए घर-घर में गीता पाठ शुरू कराने की अपील की।

 कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच रविवार को गीता का सामूहिक पाठ, यज्ञ एवं भंडारा हुआ। महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि दुनिया में जितने भी ग्रंथ हैं, सभी किसी न किसी के मुख से निकले हैं। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो परमात्मा ने सीधे-सीधे बोला है। इसके अलावा संसार में कोई भी ऐसा ग्रंथ नहीं है जो स्वयं भगवान के मुख से बोला गया हो। इसीलिए विश्व में सबसे अधिक भाषाओं में गीता का अनुवाद हुआ है। उन्होंने कहा कि गीता में विश्व की सभी समस्याओं का समाधान है। इसलिए गीता को बार-बार पढ़ना चाहिए। छोटे बच्चों को भी गीता के दो-चार श्लोक जरूर याद कराएं।

 मुख्य वक्ता विहिप के केंद्रीय मंत्री और भारत संस्कृत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनौड़ी ने भी गीता को भगवान श्रीकृष्ण की वाणी बताते हुए कहा कि गीता में दुनिया की हर समस्या का समाधान है। गीता मानव धर्मशास्त्र है। इसलिए  हर घर में गीता होनी चाहिए और रोजाना उसका पाठ होना चाहिए। हर आयु, वर्ग के लोगों को गीता का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर ग्रंथ किसी न किसी धर्म से जुड़ा है लेकिन गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसे सभी धर्मों के लोग पढ़ सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं।

 इससे पहले गीता के सभी अध्यायों और श्लोकों का पारायण हुआ। छह हवन कुंड बनाकर सामूहिक यज्ञ हुआ। 18 यजमानों और अन्य श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहूति दी।

विधायक डा.सोमेंद्र तोमर मुख्य यजमान रहे जबकि कार्यक्रम अध्यक्ष विश्व गीता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलेश शर्मा रहे। अन्य अतिथियों में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला, आरएसएस के विभाग संघ विनोद भारतीय, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत अग्रवाल शारदा, पूर्व पार्षद संजीव अग्रवाल, अरुण वशिष्ठ, सुधीर रस्तोगी, शिप्रा रस्तोगी को शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। वेद विद्यालय दिल्ली के प्रधानाचार्य समीर उपाध्याय, शंख वादक संजय गोस्वामी के अलावा आयोजन समिति के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। विश्व गीता संस्थान के कार्याध्यक्ष  विजय भोला और महासचिव तुषा शर्मा ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।

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