✳️जीमखाना मैदान बना किष्किंधा पर्वत लक्ष्मण के प्राण की रक्षा को हनुमान लाये संजीवनी✳️
रावण-अंगद संवाद, विभीषण शरणागति, सेतु बन्ध, लक्ष्मण शक्ति व हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने की लीला का भी हुआ मंचन
➡️ मेरठ: 22 अक्टूबर को श्री सनातन धर्म रक्षिणी सभा पंजीकृत मेरठ शहर के तत्वधान में श्री रामलीला कमेटी पंजीकृत मेरठ शहर द्वारा बुढ़ाना गेट स्थित जिमखाना मैदान में रामलीला का मंचन किया गया।
लीला मंचन के उद्घाटनकर्ता अवनीश गोयल , मुख्य पूजनकर्ता पी एन सिंघल, विशिष्ट अतिथि ज्ञानेंद्र गर्ग, इन्द्र गर्ग द्वारा प्रसाद सेवा की गई। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने लीला देख धर्म लाभ लिया। रावण-अंगद संवाद, विभीषण शरणागति, सेतु बन्ध, लक्ष्मण शक्ति व हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने का लीला मंचन किया गया।
रावण - अंगद संवाद
‘उत्तम कुल पुलस्ति कर नाती। सिव बिंरचि पूजेहु बहु भांती॥ बर पायहु कीन्हेहु सब काजा। जीतेहु लोकपाल सब राजा॥’
अंगद कहते हैं कि तुमने उत्तम कुल में जन्म लिया है तुम पुलस्त्य ऋषि के पौत्र हो, शिवजी और ब्रह्माजी की पूजा करके तुमने कई तरह के वर पाए हैं, लोकपालों और राजाओं को तुमने जीता है। राजमद या मोहवश तुमने माता सीता का हरण किया है। लेकिन मेरी तुम्हें यह हितकारी सलाह है कि अभी भी तुम यदि अपनी भूल स्वीकार कर लो और श्रीराम की शरण में चले जाओ तब वह तुम्हें अवश्य क्षमा कर देंगे। अंगद कुमार की इन बातों पर रावण उनका उपहास करते हैं।
उपहास किये जाने पर अंगद ने कहा कि यदि सभागार में कोई वीर है तो उनके पैर को जमीन से उठाकर दिखाए। रावण की सभा में बैठे सभी महान पराक्रमी योद्धा एक-एक कर कोशिश करते हैं लेकिन कोई भी अंगद का पैर टस से मस भी नहीं कर पाता। रावण का पुत्र इंद्रजीत भी अंगद के पैर को पकड़ता है लेकिन उसका प्रयास भी विफल हो जाता है। यह देखकर दरबार के सभी लोग सहम जाते हैं।
पूरी सभा के हार मानने के पश्चात रावण स्वयं अंगद के पैर पकड़ने के लिए जाता है। लेकिन उनके पहुंचते ही अंगद अपना पैर हटाकर कहते हैं कि तुम मेरे पांव क्यों पकड़ते हो, पकड़ना ही है तो तीनों लोकों के स्वामी श्रीराम के पैर पकड़ो। वह शरणागतवत्सल हैं। तुम उनकी शरण में जाओगे तो तुम्हारे प्राण अवश्य बच जाएंगे, अन्यथा युद्ध में बंधु-बांधवों समेत तुम्हारी मृत्यु भी तय है।
कार्यक्रम का संचालन राकेश शर्मा ने किया , स्थल पर संस्था अध्यक्ष मनोज गुप्ता , महामंत्री मनोज अग्रवाल , कोषाध्यक्ष योगेंद्र अग्रवाल बबलू, रोहताश प्रजापति, अम्बुज गुप्ता, राकेश गर्ग, पंकज गोयल पार्षद, आलोक गुप्ता, विपुल सिंघल, प्रदीप अग्रवाल, अंकेश, दीपक सिंघल, माधव जिंदल ,संदीप गोयल रेवड़ी, अजीत शर्मा, सचिन गोयल, अजय अग्रवाल, हर्षित गुप्ता, अपर मेहरा, आदेश कुमार लोहे वाले, प्रदीप कुमार गर्ग भट्टे वाले, मनोज अग्रवाल दवाई वाले, हर्षित गुप्ता, रचित गुप्ता, सुशील गर्ग, अनिल वर्मा, अर्पित भारद्वाज, विपिन बिजली वाले, राकेश गर्ग, शिवनीत वर्मा, संतोष सैनी, अम्बुज गुप्ता, सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें