इश्क के फनकार को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
45 साल पहले स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने दिया था गोपाल कृष्ण को जानम का खिताब
➡️ मेरठ: आठ अक्टूबर, रविवार 2023 को मेरठ के इश्क के फनकार कहे जाने वाले कृष्ण गोपाल जानम को गढ़ रोड स्थित होटल हारमोनी में मेरठ इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के तत्वाधान में हये एक प्रोग्राम एसथेटिक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ने लाइक टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया जो मेरठ की सरजमीं पर पहली बार किसी मेरठ के बाशिंदे को मिला है। लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्राप्त करने वाले कृष्ण गोपाल नमन ने बताया कि मेरठ इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारत के कोने-कोने और विदेशों से भी अनेकों बुद्धिजीवी साहित्यकार आये थे। जिन्हें सुनने के लिए कानों में मोन के साथ, दिमाग में और दिल में शहनाई बज रही थी। कार्यों में इनामात देकर हर विदुषी को सम्मानित किया गया था।
कृष्ण गोपाल जानम ने बताया कि उनको 45 साल पहले, स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी ने जानम के खिताब से नवाजा था। तब से वे देश विदेश में गोपाल जानम के नाम से जाने जाते हैं। गोपाल जानम ने बताया कि पचपन साल से वो सिर्फ इश्क़ पर लिख रहे हैं। गोपाल जानम का कहना है कि इंसान का अगर जिस्म निचोड़ा जाए और उसमें से अगर अरख निकले तो मोहब्बत के कतरे टपकने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो समझो कि इश्क़ अधूरा है। इश्क इश्क नहीं है। आपकी जुबान में जो इश्क़ है, उसके लिए वो ये शेर नज़र करते हैं।
"मेरे मालिक तेरी दुनिया का ऐसा रंग हो जाए,
की जो दिल है परिंदों का, वो दिल इंसान का हो जाए।"
"हर मुडेर है इनकी, हर छत पर बसेरा है।
जहां तक पंख ले जाएं वहां तक इनका डेरा है।।"
"ना इनका गैर है कोई ना इनका तेरा-मेरा है।
मेरे मालिक तेरी दुनिया का ऐसा रंग हो जाए की जो दिल है परिंदों का वो दिल इंसान का हो जाए हो।।"
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